दोहे और उक्तियाँ !!



 हमें सबसे प्रेम हो। 

कोई भी पराया नहीं है।

केवल नारायण ही सब जीवों में बसते हैं।

उसके सिवा कुछ भी नहीं है। 

कभी ऐसा विचार न करो

कि केवल तुम ही समझदार हो और अन्य मूर्ख हैं।



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न्याय पालिका में भरोसा :- लालू प्रसाद



उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनकी पत्नी को बरी किए जाने के खिलाफ बिहार सरकार को पटना उच्च न्यायालय में अपील दायर करने का कोई अधिकार नहीं है, जिसमें सीबीआई द्वारा अभियोग चलाया गया था।

प्रधान न्यायाधीश केजी बालकृष्णन और न्यायमूर्ति आरएम लोढा तथा न्यायमूर्ति बीएस चौहान की पीठ ने कहा कि मामले में अपील दायर करने के लिए बिहार सरकार सक्षम अभिकरण नहीं है।

यह फैसला लालू प्रसाद और उनकी पत्नी तथा सीबीआई द्वारा भी दायर की गई अपील को स्वीकार कर पारित किया गया। अपील में विशेष सीबीआई अदालत द्वारा बरी किए जाने के निर्णय के खिलाफ बिहार सरकार की अपील स्वीकार करने के पटना उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी। सीबीआई द्वारा बरी किए जाने के फैसले को चुनौती न देने पर राज्य सरकार ने अपनी ओर से अपील दायर की।

फैसले का स्वागत करते हुए लालू प्रसाद ने पटना में कहा कि उनका न्यापालिका में भरोसा है। बरी किए जाने के निर्णय को सीबीआई द्वारा चुनौती न दिए जाने पर राज्य सरकार ने अपनी ओर से अपील दायर की थी।

फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति लोढा ने कहा कि मामले में सिर्फ केंद्र और सीबीआई ही सक्षम अभिकरण हैं जो अपील दायर कर सकते हैं तथा कानून के तहत राज्य सरकार निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने के अधिकार से बाहर है।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश मुनि लाल पासवान ने 18 दिसंबर 2006 को लालू और उनकी पत्नी राबड़ी देवी को मामले से बरी कर दिया था, जिसमें लालू पर उस समय आय के ज्ञात स्रोतों से 46 लाख रूपए अधिक की संपत्ति अर्जित करने का आरोप था, जब वह 1990 से 1997 के बीच मुख्यमंत्री थे।

यह जानने के बाद कि लालू और उनकी पत्नी को बरी किए जाने के फैसले को सीबीआई चुनौती नहीं दे रही है, बिहार सरकार ने निचली अदालत के निर्णय के खिलाफ पटना हाई कोर्ट में अपील दायर की। हाई कोर्ट ने कहा कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में बिहार सरकार को बरी किए जाने को चुनौती देने वाली बिहार सरकार की अपील स्वीकार योग्य है और इस पर सीआरपीसी की धारा 378 के तहत विचार किया जा सकता है।

बिहार सरकार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए सीबीआई ने अपनी याचिका में कहा कि नीतीश कुमार सरकार को अपील दायर करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि मामले की जांच उसके द्वारा की गई थी और राज्य सरकार केंद्र के कार्यकारी फैसले के खिलाफ काम नहीं कर सकती। लालू प्रसाद और उनकी पत्नी ने भी यही रुख अपनाया।

सुप्रीम कोर्ट में दस मार्च को अंतिम सुनवाई के दौरान सीबीआई और राजद प्रमुख ने बिहार सरकार के अपील दायर करने के फैसले का विरोध किया, जिसमें आय से अधिक संपत्ति के मामले में लालू को बरी किए जाने को चुनौती दी गई थी।
बिहार सरकार ने हालांकि तर्क दिया कि उसे बरी किए जाने के खिलाफ अपील दायर करने का इसलिए अधिकार है क्योंकि अपराध राज्य में हुआ, बेशक इसकी जांच और अभियोग चलाने का काम सीबीआई ने किया हो।

उसने तर्क दिया कि सीआरपीसी की धारा 378 (2) केंद्र को सीबीआई की जांच वाले मामलों में अपील के सवाल पर फैसला करने के लिए सिर्फ अतिरिक्त शक्ति प्रदान करती है। बिहार सरकार ने मामले में राजद प्रमुख और उनकी पत्नी को बरी किए जाने के खिलाफ अपील स्वीकार करने के हाई कोर्ट के फैसले का समर्थन किया।

उड़ीसा सी एम् आवास को उड़ाने की धमकी !!


उडीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को संदिग्ध माओवादियो ने ई-मेल भेजकर उनके आवास और अन्य ठिकानों को विस्फोट से उडाने की धमकी दी है। इस ई-मेल में माओवादी नेता किशनजी और विक्रम को पुलिस की गोली लगने से हुए जख्म का जिक्र भी किया गया हैै। 

 इसके मद्देनजर पटनायक, मुख्यमंत्री निवास और अन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और बढा दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि यह ई-मेल शनिवार को आया था। ई-मेल में इस बात के< संकेत मिलते है कि शीष्ü माओवादी नेता किशनजी और बिकराम को हाल में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड में गोलियां लगी थीं।

 ई-मेल में कहा गया है कि जब तक आप संयुक्त विशेष्ा अभियान या ग्रीन हंट शुरू करेंगे, हम भुवनेश्वर, कटक और पुरी पर एक साथ हमले शुरू कर देगे। राज्य में अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर मुख्यमंत्री को ज्यादा खुशी नहीं मनाने की नसीहत देते हुए कहा गया है कि अतिरिक्त बल की तैनाती पर आपकी खुशी अस्थाई है। 

सरकारी सूत्रों ने कहा है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा बढा दी गई है। उन्हें पहले से जेड प्लस कैटिगरी सुरक्षा मिली हुई है। मुख्यमंत्री निवास के इर्द-गिर्द स्पेशल सिक्युरिटी बटेलियन की तैनाती की गई है। राज्य सचिवालय और उन सभी जगहों पर नक्सल विरोधी फोर्स की तैनाती की गई है जहां मुख्यमंत्री अक्सर जाते है। धमकी भरा ई-मेल भेजने वाले का पता लगाने में उडीसा पुलिस के साइबर एक्सपर्ट लगे हुए है।

मॉस्को मेर्टो में आत्मघाती हमला !!


रूसी अधिकारियों का कहना है कि मॉस्को की मेट्रो में दो महिला आत्मघाती हमलावरों ने धमाका कर अपने आपको उड़ा लिया जिसमें कम से कम 35 लोग मारे गए हैं.

सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि पहला धमाका शहर के मध्य में स्थित लुबयांका स्टेशन पर हुआ जबकि दूसरा धमाका पार्क कुलतुरी स्टेशन पर हुआ.
रूसी समाचार एजेंसी तास के अनुसार पहले धमाके में 25 लोग मारे गए जबकि 40 मिनट बाद हुए दूसरे धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई.
तास के अनुसार पहले धमाके में 10 लोग और दूसरे धमाके में 12 लोग घायल हुए हैं.
आपात मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने बताया कि पहले धमाके में ट्रेन में सवार कई लोग मारे गए हैं जबकि प्लेटफॉर्म पर खड़े 11 लोग मारे गए हैं.
प्रवक्ता एरीना एंद्रीएनोवा का कहना था,''स्थानीय समयानुसार सुबह 0756 पर जैसी ही गाड़ी लुबयांका स्टेशन पर रुकी, इसके दूसरे डिब्बे में धमाका हुआ.''
प्रवक्ता का कहना था कि मॉस्को की आपात सेवाएँ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं.
ग़ौरतलब है कि रूसी फे़डरल सिक्योरिटी सर्विस का मुख्यालय लुबयंका स्टेशन पर ही स्थित है.
रूसी अधिकारियों ने इसे 'चरमपंथी हमला' करार दिया है.
अधिकारियों ने रूसी इंटरफैक्स समाचार एजेंसी से कहा कि ये दोनों आत्मघाती हमले हैं.
मॉस्को से बीबीसी संवाददाता का कहना है कि अभी किसी ने इस हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है लेकिन ये धमाके सुनियोजित नज़र आ रहे हैं.
मॉस्को मेट्रो दुनिया की व्यस्ततम मेट्रो में से एक है और इस धमाके के बाद पूरी व्यवस्था ठप पड़ गई है.
संवाददाता का कहना है कि संदेह उत्तरी कॉकेशस क्षेत्र के चरमपंथी गुटों पर किया जा रहा है
इस क्षेत्र में सुरक्षाबल इस्लामी चरमपंथियों के ख़िलाफ़ अभियान छेड़े हुए हैं . 

महिला आरक्षण, क्या वास्तविकता क्या हकीकत !!

अभी महिला आरक्षण का बिल राज्य सभा में पास हुआ और चहुँ और हर्ष का माहौल छा गयाव् विशेष कर उन महिलाओं में जिन्हें मुलायम जी ने उद्दृत किया। लालू और मुलायम के विरोध पर ऐसा स्वर मिला मानो ये लोग समाज के सबसे बड़े दुश्मन हों क्यूंकि इन्होने आरक्षण को सही जगह तक पहुंचाने की बात कर दी।

मैं भी उस समय दिल्ली में ही था, अचानक किसी कार्यवश कनाट पैलेस जाने को हुआ, जन पथ के भीड़ में ऑटो पर था की एक अबोध बालिका कलम को बेचने के लिए ऑटो में सवार हो गयी की कलम ले लो सिर्फ दस रूपये का है। मेरे साथ मेरी एक मित्र भी थी जिन्होंने उसके कलम के प्रस्ताव को सिरे से ख़ारिज करते हुए आगे जाने को बोल दिया, मगर अबोध बालिका के चेहरे की मासूमियत और महिला आरक्षण के जद्दोजहद में उलझा एक कलम का पैकेट ले लिए और छुटकी अपने पैसे ले कर उड़न छू हो गये संभवतः किसी और ग्राहक के लिए जो उसके और कलम को खरीद सके !!

घटना आयी और गयी मगर विचारों का भंवर उमरता घुमारता रहा, आरक्षण और इसकी लड़ाई हम पहले भी देख और झेल चुके हैं सो फिर से महिला का आरक्षण मगर किसके लिए के विचार में डूबा उत्तर तलाशता आगे बढा।

अगले ही दिन दिल्ली से भोपाल के लिए निकल गया, दोपहर दो चाय के लिए (संग ही सुट्टा भी) के लिए भरि गरमी में चाय के दूकान पर आया तो इस नन्ही सी छुटकी से भेंट हुआ। अपने में मगन हाथ में गन्ना, बस मुस्कराहट और भोलेपन ने मन मोह लिया।


बिटिया से थोडा सा खेलने के बाद वापिस भारी मन से अपने कार्य की और रवाना हो गया मगर विचारों का झंझावत जो की थमने का नाम ही नहीं ले रहा था की महिला आरक्षण में इन बच्चियों को क्या मिलने वाला है ? मुलायम और लालू सही तो कह रहे हैं , क्या आरक्षण गिरिजा व्यास, शीला दीक्षित, रेणुका चौधरी या फिर अंग्रेजी में गिटिर पिटिर करती जींस वाली महिलायें, यहाँ तक की मीडिया का भी इस मुद्दे पर अपनी रोटी सेंकना मानो लोकतंत्र की गरिमा को बाजार पर बिठा दिया गया हो।

क्या आरक्षण का दायरा मतलब सिर्फ इतना ही रह गया है। हमने पहले भी देखा है की मंडल के नाम पर कितनी बलि हुई फायदा किसे मिला?

सोचनीय हूँ उत्तर नहीं मिल रहा है मगर वोट और सरकार के इर्द गिर्द घुमती राजनीति में फैसला लेने की अकर्मण्यता का खामियाजा सिर्फ और सिर्फ आम लोगों को ही तो भुगतना है ।

क्या ये सिर्फ अनकही चीखें हैं ???

दोहे और उक्तियाँ !!



बड़े  बड़ाई  ना  करैं,  बड़ों  न  बोलैं  बोल।

रहीमन हीरा कब कहै, लाख टका मेरो मोल।।

(रहीम)

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भाभी वक्त पड़ने पर काम नहीं आईं :- अमर सिंह


सपा से निष्कासित नेता अमर सिंह ने कहा है कि वह सपा में बने रहने के लिए जया बच्चन से नाराज नहीं हैं और उन्होंने संकेत दिया कि वह चाहेंगे कि जया भी उनके साथ हों। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाभी वक्त पड़ने पर काम नहीं आईं।
सिंह ने यहां क्षत्रिय महाकुंभ में कहा कि जया कहती हैं कि वह सपा में मेरी कमी महसूस करती हैं। मैं कहना चाहता हूं कि मैं भी आज इस मंच पर उनकी कमी महसूस कर रहा हूं।

उन्होंने कहा सपा में जो कुछ चल रहा है उससे जया भी नाखुश हैं, हालांकि उन्होंने मुझसे आवाज उठाने के बजाय धैर्य रखने की सलाह दी थी लेकिन क्षत्रिय होने के नाते मैं धैर्य नहीं रख सका। आखिर सहने की भी एक सीमा होती है।

उन्होंने कहा कि वह जया के सपा में ही बने रहने से बच्चन परिवार से बिल्कुल नाराज नहीं है क्योंकि राजनीति पारिवारिक रिश्ता से बिल्कुल अलग होता है।
हालांकि, अमर ने पहले कहा था कि मार्च तक वह नयी पार्टी बना लेंगे लेकिन आज उन्होंने ऐसी कोई घोषणा नहीं की।

"अर्थ आवर " के विडियो कार्यक्रम में अभिषेक बच्चन नहीं दिखे !!

 अमिताभ बच्चन को लेकर मचा राजनीतिक घमासान अभी थमा भी नहीं था कि अब "अर्थ आवर" के दौरान दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में कांग्रेस ने अभिषेक बच्चन पर निशाना साधा है| अभिषेक डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के अर्थ आवर अभियान के ब्रांड एंबेसडर हैं लेकिन शनिवार रात अर्थ आवर के मौके पर दिल्ली के इंडिया गेट पर हुए कार्यक्रम के दौरान उनके पोस्टर और बैनरों को पूरी तरह से हटा दिया गया|

अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर इस मामले को लेकर तलख टिप्पणी करते हुए लिखा है कि "मुझे समझ में नहीं आ रहा कि अभिषेक का वीडियो कार्यक्रम के दौरान क्यों नहीं दिखाया गया, जबकि वे कार्यक्रम की तैयारी के लिए काफी मेहनत किए थे। मैं हैरान हूं कि आखिर ऐसा क्यों किया गया"। इस कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी उपस्थित थीं| 

इस सारे मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा है कि उन्हें नहीं पता था कि अभिषेक बच्चन डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के अर्थ आवर अभियान के ब्रांड एंबेसडर हैं| वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है| 

इस मामले में डब्ल्यू डब्ल्यू एफ ने किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार किया है। डब्ल्यू डब्ल्यू एफ की कम्युनिकेशन मैनेजर आरती खोसला के अनुसार वो इस मामले में कोई कमेंट नहीं करना चाहतीं . 


'अर्थ आवर' हर साल मार्च महीने के आख़िरी शनिवार को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 31 मार्च 2007 को ऑस्ट्रेलिया में हुई थी। उस समय इसमें 35 देशों और क़रीब 20 लाख लोगों ने भाग लिया था। भारत में भी इस बार 'अर्थ आवर' का आयोजन किया गया|  इस दौरान कई सरकारी और ग़ैर-सरकारी भवनों की बत्तियाँ और बिजली से चलने वाले अन्य उपकरण रात साढ़े आठ बजे से एक घंटे के लिए बंद कर दिए गए थे|