मेरी अंग्रेजी टीचर

प्रेषक : जो ज़ोनाज़
यह उस समय की बात है जब मैं पढ़ता था। गर्मियों के दिन थे, मैं अपनी एक कॉपी अपनी अंग्रेजी की टयूशन टीचर के घर पर भूल आया था। मैं दोपहर को दो बजे अपनी कॉपी लेने टीचर के घर गया।
पहले मैं यह बता दूँ कि मेरी टीचर की उमर 30-32 साल के आस पास होगी और वो शादीशुदा हैं। जब भी मैं टयूशन जाता था तो वो मुझे अजीब नज़रों से देखती थीं और जब भी मौका मिलता था तब मुझको अपने से चिपका लेती थीं।
जब मैं उनके घर पंहुचा तो दरवाज़ा खुला हुआ था। मैं दरवाज़ा खोल के अन्दर गया और मैडम के कमरे में घुस गया। मैंने देखा कि वो पारदर्शी सलवार और कुरते में लेटी हुई थीं। उन्हें देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने उन्हें नमस्ते की और उनके पास जाकर बैठ गया। मैंने उन्हें बताया कि मेरी कॉपी रह गई थी और मैं उसी को लेने आया हूँ।
वो टीवी पर एक फिल्म देख रही थीं, तभी उसमें एक गरम दृश्य आ गया। उन्होंने कस कर मेरा हाथ पकड़ लिया और उसे दबाने लगीं। मेरा तो वैसे ही हाल बुरा था और अब तो मेरी धड़कने और भी तेज़ हो गई।
उन्होंने उठ कर अपने कमरे का दरवाज़ा बंद कर दिया और मुझसे बोलीं- हाय ! मैं तो कबसे इस इंतज़ार में थी कि तुम मेरी प्यास बुझाओ। मेरे पति तो हमेशा बाहर रहते हैं और मैं तड़पती रहती हूँ मैं भी अपनी मैडम की एक बार लेना चाहता था और आज मुझे मौका मिल गया।
वो मेरे पास आकर बैठ गईं और मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को मसलने लगीं। मैं भी अपने हाथों से उनकी चूचियाँ दबाने लगा और अपने होंठ उनके लाल-लाल होठों पर रख दिए। वो मेरे होंठ चूसने लगीं। मैंने इससे पहले कभी किसी के साथ सेक्स नहीं किया था।
करीब द्स मिनट तक यही चलता रहा। फिर उन्होंने मेरी पैंट खोल दी और मेरे लंड को बाहर निकाला। हालाँकि मैं बहुत छोटा था पर मेरा लंड तब भी काफी बड़ा और मोटा था। वो मेरे लंड को देख कर चौंक गईं, बोलीं- तुम्हारा लंड तो मैंने जितना सोचा था उससे भी बड़ा है !
और यह कहते हुए उनहोंने मेरे लंड पर अपना मुँह लगा दिया। वो काफी देर उसे चूसती रहीं।
फिर मैंने उनसे कहा- बस यही करना है क्या?
और मैंने उनके कपड़े उतारने शुरू कर दिए। जैसे ही मैंने उनकी ब्रा खोली, उनकी चूचियाँ उछ्ल कर बाहर आ गईं, मैं तो दंग ही रह गया। इतनी बड़ी चूचियाँ मैंने पहली बार देखी थीं। मैंने झट से उन्हें मुँह में ले लिया और चूसने लगा। मैंने उनकी पैंटी के अन्दर हाथ डाला और उनकी चूत को रगड़ने लगा।
वो मस्त हो कर आह ऊई ओह ! चिल्लाने लगी।
फिर उन्होंने भी मेरे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों बिलकुल नंगे थे। मैंने उनसे कहा- मुझे सेक्स करना नहीं आता !
तो उन्होंने कहा- मैं सिखा दूंगी।
फिर उन्होंने मुझे उनकी चूत चाटने को कहा।
पहले तो मैंने मना किया कि मुझे यह गन्दा लगता है, पर बाद में मैं मान गया। मैंने अपने नरम नरम होंठ उनकी चूत पर लगा दिए और कस-कस के चूसने लगा। वाह क्या खुशबू थी।
फिर मैं अपनी जीभ उनकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा। वो पलंग पर लेटी हुई सिसकियाँ भर रहीं थीं। मैं उनके ऊपर गया और उनके होंठ चूसने लगा, साथ ही साथ अपनी ऊँगली उनकी चूत में डाल कर हिला रहा था, तभी मेरे हाथ में कुछ पानी सा आने लगा। मैंने देखा कि मैडम झड़ चुकी थीं। मैंने उनकी चूत का पानी अमृत जल समझ कर चाट लिया।
फिर हम उठे और मैडम मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगीं। मेरा लंड लोहे की तरह सख्त था। फिर वो अपनी टांग चौड़ा कर लेट गई। मैं समझ गया कि अब क्या करना है क्यूंकि मैं काफी ब्लू फिल्म देख चुका था।
मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया। वो आहह्ह्ह ऊहहह करने लगीं। क्यूंकि वो पहले चुद चुकी थीं इसलिए मेरा लंड आसानी से अन्दर चला गया। फिर मैं उन्हें झटके देने लगा। सारा कमरा फच-फच की आवाजों से गूंज उठा। मैडम भी मस्त होकर सिसकियाँ भरने लगीं। उसी में मैडम दो बार और झड़ गईं।
तभी मुझे लगा कि मेरा लंड फूल रहा है और बाहर नहीं आ पा रहा है। मैंने मैडम को बताया तो उन्होंने कहा- तुम पानी छोड़ने वाले हो !
मैंने कहा कि उससे तो आप प्रेग्नेंट भी हो सकती हो !
तो वो मेरे भोलेपन पर हंसती हुई बोलीं- कोई बात नहीं ! मैं तो एक हफ्ते पहले ही अपने पति से चुदी हूँ ! किसी को शक नहीं होगा !
इसी बीच मैंने पानी छोड़ दिया और निढाल होकर एक ओर लुढ़क गया। पर अभी भी थोड़ा सा पानी मेरे लंड में बचा था। मेरी मैडम ने मेरा लंडा हिलाया तो एक ज़ोरदार धार निकली और मेरा अमृत रस उनके मुहँ में भर गया। फिर उन्होंने मेरा लण्ड और जांघ चाट कर साफ़ किये। फिर मुझे बाथरूम में ले जा कर नहलाया और नहाते समय भी मज़े लिए। मैंने भी नहाते समय उन्हें खूब रगड़ा। फिर मैं अपनी कॉपी लेकर घर चला गया।
उसके बाद भी मैंने उन्हें कई बार चोदा पर बाकी कहानी अगले अंक में !