प्रेषक : अमन कश्यप
मेरा नाम अमन है। अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ते-2 मैंने सोचा कि मैं भी पाठकों के समक्ष अपनी कहानी रखता हूँ।
यह मेरी सच्ची कहानी है। कंचन जिसे मैं पिछले चार साल से जानता हूँ, मेरे साथ ही मेरे ऑफिस में काम करती है। मैं ऑफिस का प्रबन्धन करता हूँ और वो मेरी सहयोगी है। हम दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छी तरह जानते हैं और गहरे दोस्त हैं। हम एक दूसरे के साथ अपनी हर एक बात शेयर करते हैं। मैं शुरू से ही उसे मन ही मन चाहता था पर वो किसी और को चाहती थी। यह बात उसने मुझे बताई थी, इसलिए मैं उसे कभी भी नहीं बता पाया कि मैं उसे चाहता हूँ।
खैर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उसकी शादी उस लड़के से न हो कर किसी और के साथ हो गई। जिसके साथ वो खुश तो थी पर सुखी नहीं थी।
यह तो था कहानी का एक हिस्सा ! अब चलते हैं असली कहानी की तरफ !
कंचन जो एक खूबसूरत और भरे हुए बदन वाली लड़की है जिसे देख कर कोई भी उसकी तरफ आकर्षित हो जाए। शादी के बाद वो कुछ परेशान सी रहती थी और मुझे कुछ बता भी नहीं पा रही थी क्योंकि शादी के बाद मैंने उससे कुछ दूरी सी बना ली थी। हम बात तो करते थे पर इतना खुल कर नहीं कर पाते थे।
शायद मैं सोचता था कि मेरी वजह से उसकी ज़िन्दगी में कोई समस्या न हो।
पर एक दिन ऑफिस में शाम को जब सारे चले गए तो मैंने उसको बुलाया और पूछा कि क्या कोई समस्या है? आजकल तुम कुछ परेशान सी रहती हो !
इतना कहते ही वो रोने लगी और कहा- आप को आज समय मिला है मेरा हाल पूछने का?
मैंने उसे गले लगाया और उसको चुप कराने लगा। उसने बताया कि उसके पति उसके साथ सेक्स तो करते हैं पर वो इतनी जल्दी और इस तरह से करते हैं कि मुझे कुछ भी महसूस नहीं होता और मैं उनका साथ नहीं दे पाती और उनको बीच में ही रोक देती हूँ। क्या करुँ मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा।
मैंने उसे कहा- क्या मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूँ?
तो उसने हाँ कह दिया। फिर मैंने उसके आंसू पौंछ कर उसको चुप कराया और उसको कहा- पुरानी परेशानी भूल जाओ। नई के लिए तैयार हो जाओ।
इतना कहते ही मैंने अपने होंठ उसके होंठों पे रख दिए उसने विरोध करने की कोशिश की पर मैंने उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ लिया और उसको किस करने लग गया।
मैंने महसूस किया कि उसके बदन में जैसे सनसनी सी दौड़ गई हो। अब वो भी मेरा साथ देने लगी। कुछ देर तक हम ऐसे ही एक दूसरे को चूमते रहे। फिर मैंने धीरे से उसके स्तन पकड़ लिए और उनको कमीज के ऊपर से ही दबाने लग गया।
वो मुझे और कस के चूमने लगी। कुछ देर बाद मैंने उसे कहा- चलो दूसरे कमरे में चलते हैं।
फिर हम दूसरे कमरे में चले गए, वहाँ पर वो एक मेज के सहारे खड़ी हो गई। हम फिर से एक दूसरे को चूमने लगे। धीरे-2 मैंने उसकी कमीज में नीचे से हाथ डाल दिए और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके स्तन पकड़ के दबाने लगा।
वो सिसकारने लग पड़ी। फिर मैंने धीरे से उसकी ब्रा खोल दी और उसके बड़े-बड़े वक्ष मेरे हाथों में आ गए। इतने बड़े स्तन पकड़ के दबाने बहुत मजा आ रहा था।
वो भी मजा ले कर आवाज करने लगी और कहने लगी- धीरे करो ! कुछ हो रहा है।
मैंने उसे कमीज खोलने को कहा। जैसे उसने कमीज उतारी, वाह ! क्या नजारा था ! उसके बड़े-बड़े स्तन मेरे सामने थे। मैं एक को पकड़ के चूसने लगा और दूसरे को दबाता रहा।
अब वो धीरे-धीरे गर्म होने लगी थी। उसका हाथ मेरे लण्ड की तरफ जाने लगा। उसने मेरी जिप खोल दी और मेरे लण्ड को हाथ से पकड़ लिया और उसको दबाने और आगे पीछे करने लगी।
मैं भी उसके स्तनों को चूसता और दबाता रहा। फिर मैं एक हाथ से उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा अब वो और गरर्म हो गई थी उसके हाथ की हरकतें बढ़ रही थी और वो तेजी से मेरा लण्ड आगे पीछे कर रही थी।
मैंने धीरे से उसकी सलवार खोल दी और उसकी पैंटी भी उतार दी। फिर मैं उसकी चूत को सहलाने लगा। वो और ज्यादा सिसकारने लगी और कहने लगी- धीरे करो ! कुछ हो रहा है।
मैंने उसे पूछा- तुम तो कहती हो कि मुझे कुछ भी महसूस नहीं होता पर अभी तो तुम को कुछ कुछ हो रहा है।
वो बोली- मेरे पति ऐसा कुछ नहीं करते, वो तो सीधा ही डाल देते हैं और करने लग जाते हैं।
फिर मैंने उसे पूछा- क्या मैं हद से आगे तो नहीं जा रहा हूँ?
तो उसने न में जवाब दिया।
फिर मैंने उसे सीधे लिटा दिया और टाँगे खुली कर के उसकी चूत पर चूम लिया। उसकी चूत एकदम गुलाबी रंग की थी और उससे बहुत ही भीनी-2 महक आ रही थी। मैं उसकी चूत को चूमने लगा और वो मजा लेने लगी।
वो अब पूरी गर्म हो गई थी और उसके मुँह से आवाजें निकलने लगी थी। मैं उसकी चूत को चूमते जा रहा था और अपनी जीभ उसकी चूत में डाल रहा था, यह सब अब उससे सहन नहीं हो रहा था।
वो एकदम से उठी और मेरे लण्ड को पकड़ कर अपने मुँह में डाल लिया और उसको चूसने लगी।
फिर मैंने उसको पूछा- क्या मैं आगे भी कुछ कर सकता हूँ?
तो उसने खुद ही मेरा लण्ड अपनी चूत पर लगा दिया। उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी, मैंने लण्ड को धीरे से धक्का दिया तो वो थोड़ा सा उसकी चूत में चला गया। उसके मुँह से आह निकल गई। वो नीचे से जोर लगा के लण्ड को अन्दर डालने में मेरी मदद करने लगी।
दो तीन धक्कों में ही पूरा लण्ड अन्दर चला गया। मैं धीरे-2 लण्ड अन्दर बाहर करने लगा और उसके वक्ष को भी दबाने लगा।
वो पूरा मजा लेने लगी और कहने लगी- ऐसा मुझे कभी भी महसूस नहीं हुआ ! सच बहुत अच्छा लग रहा है।
हम दोनों बातें भी करते रहे और अपना काम भी ! उसने मेरा पूरा साथ दिया। वो अपने चूतड़ उठा-उठा कर पूरा लण्ड अन्दर लेने लगी। मैंने धीरे-2 अपनी स्पीड तेज कर दी। वो भी मजा लेती हुई मेरा पूरा साथ देने लगी।
उसने कहा- जल्दी करो ! अब मैं झड़ने वाली हूँ।
मैंने भी अपना काम जारी रखते हुए पूछा- कहाँ निकालूँ?
उसने कहा- मेरे अन्दर ही निकालो ! मैं दवाई ले लूंगी।
हम दोनों एक साथ ही झड़े और कुछ देर तक वैसे ही लेटे रहे। उसने मुझे कस के गले लगा लिया और रोने लगी। मैंने उसे चुप कराया और हम दोनों ने एक दूसरे के चूत और लण्ड को साफ़ कर के अपने कपड़े पहन लिए।
दोस्तो, वो एक कमजोर पल था। जो हम दोनों को ख़ुशी के कुछ पल दे गया।
अपनी प्रतिक्रिया मुझे जरूर मेल करें।
All New Hindi Sex Stories,sexiest women sexuality film sex during pregnancy sex drive sex and gender sexuality film 2017 sexy durga sexist sex offender registry sexual sex and the city movie sex pistols sex and the city sex in a pan sex and the city 3 sex jokes sex addiction sex and the city online sex and the city season 1 sex and the city the movie sex and the city 2 movie sex and the city movie 2008 sex and the city movie imdb sex and the city movie 3 a sexual a sextant