टा टा मारुती, अप्रेल से मारुती 800 की विदाई.

देश की सबसे बडी कार कंपनी मारूति सुजुकी इंडिया (एमएसआई)अगले वित्त से भारत भर मे अपने माडल मारूति-800 को हटाने का फैसला किया है साथ ही 950 नई नियुक्तियां करेगी। इनमें से कुछ नियुक्तियां यूरोप और अमेरिका में काम कर चुके भारतीयों की जाएगी। इसके साथ ही कंपनी ने पहली अप्रैल से उन शहरों से अपने माडल मारूति-800 को हटाने का फैसला किया है, जहां भारत चरण-चार उत्सर्जन मानक लागू होने जा रहे है। 

पहली अप्रैल से 13 शहरों में भारत चरण-चार मानक लागू हो रहे। अप्रैल 2010 से दिल्ली,मुंबई,चेन्नई,कोलकाता, बेगलुरू, हैदराबाद, पुणे, कानपुर, सूरत, अहमदाबाद, आगरा में भारत चरण-चार उत्सर्जन मानक प्रभावी हो जाएंगे। जबकि अन्य शहरों में यूरों-4 मानक वर्ष 2015-16 में प्रभावी होने की संभावना है। मारूति के प्रबंध कार्यकारी अधिकारी प्रशासन(मानव संसाधन,वित्त और आईअी)एम.वाई.सिद्दीकी ने शुक्रवार को सियाम की मानव संसाधन पर संगौष्ठी के मौके पर सवाददाताओं से कहा, हम 2010 -11 में 950 लोगो की नियुक्ति करने जा रहे है। अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र में अच्छी खासी संख्या में नियुक्तिया की जाएगी।


सिद्दीकी ने बताया कि कर्मचारियों की संख्या 7,500 है। अगले वित्त वर्ष में इसमें 800 का इजाफा दिखाई देगा। जिनकी नियुक्ति कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में की है। उन्होने हालाकि कहा कि एक बार उसके मानेसर संयत्र में क्षमता विस्तार की योजना को अंमित रूप दिए जाने के बाद कंपनी अतिरिक्त नियुक्तियों करेगी। उन्होने कहा कि फिलहाल लक्ष्य 950 नियुक्तियों का है। विस्तारित क्षमता हासिल होने के बाद हम इसमें संशोधन करेगे। वैश्विक स्तर पर प्रतिभाओं को हासिल करने की योजना के तहत कंपनी विदेशों में भी नियुक्तियों करेगी। सिद्दीकी ने कहा , अप्रैल तक हम कुछ लोगों के नाम तय करेगे।


मई-जून तक 10 लोग हमारे साथ जुड सकते है। हम विदेशों में कार्यरत भारतीयों की नियुक्तियों के लिए यूरोप की ओर निगाह लगाए है। सिद्दीकी ने बताया कि विदेशों में की जाने वाली नियुक्तियों में ज्यादातर कर्मचारी 7-8 साल से 27-28 साल का अनुभव रखने वाले होगे। कंपनी के पास पहले से ही एक दर्जन से ज्यादा कर्मचारी ऎसे है जो अमेरिका और यूरोप में है। उन्हें पे-रोल तथा रिटेनरशिप दोनों तरीकों से नियुक्त किया गया है। नई नियुक्तियों से कंपनी की आमदमी पर पडने वाले प्रभाव के बारे में पूछें जाने पर उन्होने कहा, बिक्री से होने वाली हमारी आमदनी का मात्र दो फीसद वेतन मे जाता है। मंदी के दौरे में भी हमारा वेतन या नियुक्तिया प्रभावित नहीं हुई। इस बीच मारूति ने करीट पारेख समिति की सिफारिशों पर आपत्ति जताई है।


पारेख समितिपे सभी तरह के डीजल वाहनों पर उत्पाद शुल्क में सीधे बढोतरी की सिफारिश की है। मारूति के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने कहा कि उत्पाद शुल्क में वृद्धि संबंधित वाहन माडल की इंजन क्षमता के अधार पर की जानी चाहिए। भार्गव ने बताया कि कंपनी 13 शहरों जहां पहली अप्रैल से भारत चरण-चार उत्सर्जन मानक लागू हो रहे है, से अपनी छोटी कार मारूति -800 को हटाने जा रही है।