जो व्यक्ति सत्यवादी और ब्रह्मचारी हो, समाज में उसकी देवतुल्य प्रतिष्ठा होती है।
ऐसा व्यक्ति एक ही शब्द क्यों न मुंह से निकाले, उसका अपना अलग, विशिष्ट और
महान प्रभाव तथा आकर्षण होता है। यदि आप अपने व्यक्तित्व को उच्च, तेजस्वी,
प्रभावशाली और आकर्षक बनाना चाहते हैं तो सर्वप्रथम चरित्र का निर्माण कीजिए।
(स्वामी शिवानन्द )
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