यह बात भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी ने अभिनव के पिता एएस बिंद्रा से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कही। कलमाडी ने कहा कि अभिनव को भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन का पूरा-पूरा समर्थन है। उन्होंने कहा ‘अभिनव के पिता स्वयं की जेब से लाखों रूपए खर्च कर उसे प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजते हैं। देखा जाए तो जो काम नेशनल राइफल शूटिंग एसोएिशन को करना चाहिए वह काम अभिनव के पिता कर रहे हैं।
ऐसे में एसोसिएशन को हठवादिता छोड़ कर लचीलापन अपनाना चाहिए।’ कलमाडी ने कहा कि हम विशिष्ट खिलाड़ियों से पदक की उम्मीद तो लगा लेते हैं लेकिन उनका सम्मान करना भी आवश्यक है। उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम में बाधक नहीं बनना चाहिए। कलमाडी ने कहा कि वे ऐसा फॉमरूला तय करेंगे ताकि विदेश में रहते हुए अभिनव या कोई अन्य खिलाड़ी जो प्रदर्शन करें उसके पॉइंट राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए जोड़े जा सके। कलमाडी ने कहा कि वे बिंद्रा के मामले में अंतिम रूप से किसी परिणाम में पहुंचने से पहले एनआरएआई से बात करेंगे।
अभिनव के पिता एएस बिंद्रा ने कहा कि वे राइफल संघ, भारतीय ओलिंपिक संघ व खेल मंत्रालय के बीच उचित तालमेल चाहते हैं ताकि किसी खिलाड़ी का खेल जीवन समय से पहले खत्म न हो जाए। उन्होंने कहा कि अभिनव विदेश में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे उन्हें सिर्फ ट्रायल के लिए बुलाकर उसका समय खराब किया जाना कहां तक उचित है। एएस बिंद्रा ने बताया कि अभिनव का ट्रेनिंग प्रोग्राम म्युनिख यूनिवर्सिटी के स्पोर्ट्स साइंस के चीफ प्रोफेसर के अनुसार तय किया गया है। उसमें बाधा पहुंचने से अभिनव परेशान हो जाते हैं क्योंकि वे एक दशक से भी ज्यादा समय से उसी ट्रेनिंग प्रोग्राम के आदि हो चुके हैं।