त्रिपुरा विधानसभा ने दो विधेयक पारित कर ग्राम पंचायतों और नगर निगमों में महिलाओं के लिए आरक्षण 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया ।
राज्य विधानसभा ने लंबी बहस के बाद बुधवार देर रात त्रिपुरा पंचायत विधेयक 2010 और त्रिपुरा नगर निगम विधेयक 2010 को पारित कर दिया।
विधानसभा में यह बिल राज्य के पंचायत एवं शहरी विकास मंत्री मानिक डे ने पिछले हफ़्ते रखा था ।राज्य के मुख्यमंत्री मानिक सरकार ने इस विधेयक को ‘ऐतिहासिक’ क़रार दिया है ।
विधेयक पारित किए जाने के बाद एक प्रेस कांफ्रेस में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ हम महिलाओं के लिए आरक्षण कर उन पर कोई अहसान नहीं कर रहे हैं। हम अपने समाज में पुरुषों और महिलाओं की बराबर की ज़िम्मेदारी सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं । "
राज्य में विपक्षी दल कांग्रेस ने भी विधेयक का समर्थन किया ।
विधेयक में कहा गया है कि महिलाओं की संख्या कुल जनसंख्या का पचास प्रतिशत है लेकिन विभिन्न सामाजिक आर्थिक कारणों से उन्हें सार्वजनिक जीवन और फैसले लेने की प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। अब महिलाओं के आरक्षण से इसके फ़ायदे दिखेंगे ।
केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले वर्ष ही इस बिल के मसौदे को मंजूरी दे दी थी और विभिन्न राज्यों को उनकी राय के लिए बिल भेजा था ।