
न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके माथुर ने रथ की याचिका खारिज कर दी और पश्चिम बंगाल में सुकना सैन्य केंद्र के पास 70 एकड़ के भूखंड पर एक शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने के लिए एक निजी संपत्ति कारोबारी को अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने को लेकर उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही को जारी रखने की अनुमति दे दी।
न्यायाधिकरण के फैसले से असंतुष्ट रथ के वकील अजीत के सिंह ने कहा कि हम अब उच्चतम न्यायालय में जाने की योजना बना रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल पी के रथ ने न्यायाधिकरण में एक याचिका दायर करके अपने खिलाफ समरी आफ एविडेंस पर इस आधार पर रोक लगाने की मांग की थी कि मामले में कोर्ट आफ इंक्वायरी अब भी जारी है।
कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुए रथ के अधिवक्ता ने दलील दी कि सेना द्वारा कोलकाता स्थित पूर्वी कमान मुख्यालय में शुक्रवार को समरी आफ एविडेंस दर्ज करना शुरू किया जाना गलत था, क्योंकि कोर्ट आफ इंक्चायरी अब भी जारी है।