केन्द्रीय बैंक ने अगले महीने आने वाली मौद्रिक एवं ऋण नीति की वार्षिक घोषणा से पहले ही शुक्रवार को बैंकों की रेपो दर 0.25 फीसदी बढ़ाकर 5 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर को 3.5 फीसदी कर दिया। इससे बैंकों के पास उपलब्ध नकदी की लागत बढ़ेगी परिणामस्वरूप बैंकों के व्यावसायिक कर्ज भी महंगे हो सकते हैं।
केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को नकदी समायोजन सुविधा के तहत रेपो दर पर अल्पकालिक ऋण देता है, और रिवर्स रेपो दर पर उनसे नकदी उधार लेता है। रिजर्व बैंक ने कहा इस कदम से महंगाई की धारणा के साथ साथ मुद्रास्फीति की तेज होती चाल पर अंकुश लगेगा। इससे पहले वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आर्थिक वृद्धि की बेहतर संभावनाओं को बरकरार रखते हुए, बढ़ती मुद्रास्फीति पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि यह दो अंकों की तरफ बढ़ रही है।
केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को नकदी समायोजन सुविधा के तहत रेपो दर पर अल्पकालिक ऋण देता है, और रिवर्स रेपो दर पर उनसे नकदी उधार लेता है। रिजर्व बैंक ने कहा इस कदम से महंगाई की धारणा के साथ साथ मुद्रास्फीति की तेज होती चाल पर अंकुश लगेगा। इससे पहले वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आर्थिक वृद्धि की बेहतर संभावनाओं को बरकरार रखते हुए, बढ़ती मुद्रास्फीति पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि यह दो अंकों की तरफ बढ़ रही है।