उन्होंने दोहराया कि हाल ही में भारतीयों को निशाना बनाकर किए गए हमले के बावजूद भारत अफगानिस्तान में अपने अभियान जारी रखेगा। राव ने कहा कि अमेरिका इस बात को पूरी मान्यता देता है कि अफगानिस्तान में भारत के जायज हित हैं। वाशिंगटन हमारे द्वारा वहां किए जाने वाले विकास कार्यों की सराहना करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका इस बात की सराहना करता है कि हम अपने क्षेत्र में स्थिरता और संयम की शक्ति हैं। वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और अपने समकक्ष बिल बर्न्स सहित ओबामा प्रशासन के कई शीर्ष अधिकारियों से मिलने के बाद राव न्यूयॉर्क के दौरे पर हैं। राव ने वाशिंगटन में ओबामा प्रशासन के अधिकारियों के साथ भारत-अमेरिका संबंधों से जुड़े़ मुद्दों पर चर्चा की।
अफपाक नीति में अमेरिका द्वारा भारत को हाशिए पर किए जाने के बढ़ रहे कयासों के बीच राव ने वाशिंगटन में जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान के भविष्य में भारत के अपने हित हैं।
उन्होंने अमेरिका और हामिद करजई सरकार द्वारा तालिबान के कुछ तत्वों को देश की राजनीति में शामिल किए जाने की योजना के मद्देनजर अच्छे और बुरे तालिबान के बीच फर्क किए जाने के खिलाफ भी आवाज उठाई।
राव ने जोर देकर कहा कि भारत के अफगानिस्तान के साथ सदियों पुराने संबंध रहे हैं, इसलिए वह अफगान समाज को बेहतर ढंग से समझता है। उन्होंने उल्लेख किया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को लंबे समय तक के लिए तैयार रहना चाहिए और समस्या के जल्दबाजी में समाधान की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
राव ने कहा कि कुछ ताकतें हैं जो आतंकवाद फैलाती हैं। तालिबान की छवि बहुत ही नकारात्मक है। उन्होंने कहा कि भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन चरमपंथी समूहों द्वारा पैदा की गई समस्या से निपटने के लिए अफगानिस्तान में ठहरना होगा।
विदेश सचिव ने कहा कि इन समस्याओं से इस तरह निपटना अत्यंत महत्वपूर्ण होगा कि अफगानिस्तान एक स्थिर और समृद्ध लोकतंत्र बन सके।