अध्ययन के बाद पुरोहित पर कोर्ट मार्शल की कार्रवाई आरंभ की जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें सैन्य सेवा से बर्खास्त कर दिए जाने की संभावना है। यदि ऐसा होता है तो वे भारत में किसी आतंकी घटना में संलिप्तता के चलते सजा पाने वाले पहले सैन्य अधिकारी होंगे। सितंबर 2008 में हुए मालेगांव धमाके में छह लोगों की मौत हुई थी। सेना की खुफिया शाखा में तैनात पुरोहित को मामले में संदिग्ध भूमिका के लिए नंबर 2008 में ही हिरासत में ले लिया गया था। मुंबई पुलिस की आतंक विरोधी शाखा ने मामले में पुरोहित के अलावा साध्वी प्रज्ञा ठाकुर व चार अन्य को गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तारी के समय ले. कर्नल पुरोहित पंचमढ़ी में सेना के एक संस्थान में चीनी भाषा सीख रहे थे।
वे फिलहाल नासिक जेल में बंद हैं। मामले में सेना के एक पूर्व अधिकारी मेजर रमेश उपाध्याय को भी गिरफ्तार किया गया था जो पुरोहित के साथ एक हिंदू संगठन अभिनव भारत का सदस्य था। पुरोहित की उपाध्याय से मुलाकात सेना की एक समन्वय शाखा में नासिक तैनाती के दौरान हुई थी।